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दुराचार व अपहरण के आरोपी को कांकेर लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर फंस गईं भाजपा

कांकेर लोकसभा

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कांकेर लोकसभा :

रायपुर : पूरे देश में राममयी माहौल है। दुनियां की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा लगा रही है। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा 11 की 11 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य बनाकर चल रही है। लेकिन क्या हो जब शुद्ध हिंदुत्ववादी छवि वाली भाजपा जब अपने प्रत्याशी चयन करने में ही भूल कर जाएं या यूं कहें दागदार,महिला के साथ अनाचार व अपहरण के आरोपी को कांकेर लोकसभा का अपना प्रत्याशी बनाकर जनता के बीच भेज दें।


कांकेर लोकसभा : दरअसल मामला सन् 14-12- 2010 का है। जब वर्तमान में कांकेर लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी भोजराज नाग को नरसो बाई कुमेटी के साथ दुराचार करते पीड़िता के भाई ने रंगे हाथ पकड़ा था। जिसके बाद भोजराज नाग ने मामले को दबाने के लिए नरसो बाई कुमेटी के पालन पोषण उठाने और पत्नी बनाकर रखने की बात कहीं थी। भोजराज नाग द्वारा अपने बात से मुकरने के बाद पीड़िता के बड़े भाई नारायण कुमेटी, माता महंगी बाई ने गोड़वाना समाज के साथ मिलकर शिकायत की। फिर भोजराज नाग ने मामले को दबाने के लिए पीड़िता, पीड़िता की लगभग 6 साल की बच्ची का अपहरण कर लिया। जिसके पश्चात् कुछ सालों बाद पीड़िता के मां महंगी का भी अपहरण भोजराज नाग द्वारा कर लिया गया। जिसकी शिकायत अंतागढ़ थाना, कलेक्टर, एसपी से लेकर मुख्यमंत्री , अनूसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष को शिकायत करने के बाद न्याय नहीं मिला।

आज तक नरसो बाई कहा है,किस हालत में है कोई पता नहीं है। भाजपा का प्रत्याशी बनाएं जाने के कारण मामला फिर तूल पकड़कते जा रहा है। बीते दिन बुधवार दिनांक 12-03-2024 को पीड़िता की मां और भाई के साथ गोड़वाना समाज ने कलेक्टर अभिजीत सिंह से न्याय की गुहार लगाई। गोड़वाना समाज ने अल्टीमेटम दिया है कि भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग अगर 8 दिनों के अंदर पीड़िता नरसो बाई कुमेटी को समाज के सामने नहीं लाती है तो आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगा।

समाज के नाराजगी के पीछे एक और कारण

गोड़वाना समाज के नाराजगी का एक और कारण हैं। दरअसल भोजराज नाग छत्तीसगढ़ी मूल आदिवासी गोड़ नही है। वें महाराष्ट्रीयन गोड़ है। उनका यहां के रोटी बेटी का संबंध नहीं है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ मूल आदिवासियों का कहना है कि अगर मूल आदिवासी को मौका ना मिलके कोई बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिलेगा। ये तो आदिवासी समाज के अस्मिता के साथ खिलवाड़ है। मूल छत्तीसगढ़ के आदिवासी पर कोई बाहरी व्यक्ति राज करेगा,ये तो छत्तीसगढ़िया लोगों के अधिकारों का हनन है।
जो व्यक्ति आदिवासी समाज की बेटी के साथ ऐसा कृत्य किया है वो सांसद की कुर्सी पर बैठेगा तो क्या हाल होगा जनता का, ये सोचनीय है। ( कांकेर लोकसभा )

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